
शेयर ट्रेडिंग और आईपीओ खरीद में बड़ा प्रॉफिट दिखाकर 38 लाख का साइबर फ्रॉड, संविदा कर्मी बना शिकार
श्रीगंगानगर। शेयर ट्रेडिंग और आईपीओ खरीद में बड़ा प्रॉफिट दिखाकर 38 लाख के साइबर फ्रॉड का एक बड़ा मामला सामने आया है।हनुमानगढ़ में साइबर थाना में अनीता रिवेरा नामक महिला तथा उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ पुलिस ने साइबर फ्रॉड के शिकार हुए एक संविदा कर्मी की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार नोहर तहसील क्षेत्र के गांव किंकराली के वार्ड नंबर 4 निवासी मनोज जाट (35)पुत्र राजेंद्र प्रसाद द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार मनोज जाट एक सरकारी विभाग में संविदा कर्मी है। उसे साइबर फ्रॉड अपराधियों ने बहुत ही होशियारी से अपने जाल में फंसाया और बड़ा लाभ दिखाकर लाखों रुपए विभिन्न बैंक खातों में जमा करवाते रहे। मामला दर्ज होते ही पुलिस ने उन बैंक खातों की पड़ताल शुरू कर दी जिसमें रुपए जमा करवाए गए। पुलिस ने बताया कि अभी तक मनोज जाट से ठगी राशि का कुछ पता नहीं चला है। किसी भी बैंक अकाउंट में अभी तक कोई राशि भी होल्ड/ फ्रीज नहीं करवाई जा सकी। मामले का तेजी से अनुसंधान किया जा रहा है ताकि मनोज से ठगी गई राशि को ज्यादा बैंक अकाउंट में साइबर अपराधी रोट्रेट नहीं कर सके।
शेयर ट्रेडिंग का ऐसे खुलवाया अकाउंट
पुलिस को दी गई रिपोर्ट में मनोज ने बताया कि 8 नवंबर को उसके व्हाट्सएप पर मैसेज आया। उसे आईपीओ में इन्वेस्टमेंट करने के लिए कहा लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। फिर लगभग 15 दिन बाद 24 नवंबर को उसके मोबाइल नंबर को जिओ जीत ग्रुप नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड कर लिया गया।उसने इस ग्रुप में कोई चैट नहीं की। ग्रुप में चार नंबर बतौर एडमिन के दिखाई दे रहे थे। इस अनजान ग्रुप से मनोज जाट लेफ्ट नहीं हुआ बल्कि इस ग्रुप में चल रही चैट को देखता रहा। फिर 20 दिसंबर को अनीता रिवेरा नाम की एक महिला ने उसके व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर आईपीओ खरीदने-बेचने के लिए कहा। मनोज ने आईपीओ कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं और इसके लिए क्या करना होगा पूछा तो अनीता ने उसे जिओ जीत कंपनी का अकाउंट ओपनिंग फॉर्म मैसेज कर दिया। जिसमें उसने अपना नाम- पता, मोबाइल नंबर आदि फीड कर दिया। इसके बाद उसे एक लिंक भेजा गया और उसमें रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा गया। मनोज के अनुसार उसने लिंक में अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड वेरीफाई करवाया। उसके मोबाइल नंबर पर अनीता ने एक पासवर्ड का नंबर बताया। अनीता ने कहा कि जब इस लिंक को वह ओपन करेगा, तब उसमें सर्विस का ऑप्शन दिखाई देगा।उसे खोलकर वह कस्टमर सर्विस की हेल्प लेकर इन्वेस्टमेंट कर सकता है।
तीन करोड़ का प्रॉफिट दिखा ललचाया
परिवादी मनोज जाट ने पुलिस को बताया कि ओपनिंग अकाउंट खोलने और अपनी पूरी डिटेल देने के पश्चात उसे प्रोटीन ईगो टेक्नोलॉजी और लिमिटेड कंपनियों के शेयरों की लिस्ट भेजी गई और उसमें इन्वेस्ट करने के लिए कहा गया। उसे 23 दिसंबर को करीडेंट ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड के शेयर खरीदने के लिए कहा गया। साथ ही अकाउंट नंबर दिए गए। उसने शेयर खरीदने के लिए भेजे गए अकाउंट नंबर में 20 हजार रुपए फोन पर द्वारा भेज दिए। फिर 24 दिसंबर को साईं एंटरप्राइजेज का अकाउंट नंबर भेजा गया, जिसमें उसने 85 हजार और 10 हजार रुपए फोन पर द्वारा ट्रांसफर किये। इसके बाद उसे उक्त लिंक ओपन करने पर उसे अपने खाते में बहुत प्रॉफिट दिखाया गया। उसने रुपए विड्रोल करना चाहे तो रुपए विड्रोल नहीं हुए।अनीता रिवेरा से बात की तो उसने कहा कि उसे एक साथ सारा प्रॉफिट विड्रोल करवाएंगे। अभी आप इन्वेस्टमेंट जारी रखो। मनोज के अनुसार 26 दिसंबर को अनीता ने उसे केसी इंटरप्राइजेज का खाता नंबर भेजा। उसमें एक लाख रुपए जमा करवाने के लिए कहा ताकि वह अपना प्रॉफिट विड्रोल कर सके। उसने एक लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद 30 दिसंबर और 31 दिसंबर को 15-15 हजार रुपए और ट्रांसफर किये। इसके बाद भी अपने अकाउंट में दिख रहा प्रॉफिट विड्रॉल नहीं कर पाया तो अनीता ने कहा कि उसे बहुत बड़ा प्रॉफिट मिलने वाला है।उसे यूनीमैच एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड का 8 लाख 15 हजार रुपए का आईपीओ खरीदने के लिए अनीता ने कहा। मनोज के मुताबिक उसे शाम गोट फार्म नाम का बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र का अकाउंट नंबर दिया गया, जिसमें उसने यह राशि आरटीजीएस करवा दी। उसे 31 दिसंबर को यूनीमैच एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड का आईपीओ उसके ट्रेडिंग अकाउंट में दिखने लगा।उसने फिर प्रॉफिट विड्रोल करना चाहा तो नहीं हुआ। हेल्प सेंटर से बात की तो बताया गया कि अभी और पेमेंट करो ताकि उसे बड़ा मुनाफा हो सके।
51 लाख और मांगे तो आंखें खुली!
पुलिस के अनुसार मनोज ने 6 जनवरी को उक्त फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के हेल्प सेंटर पर बात की तो उसे इंडो फार्म इक्विपमेंट का आईपीओ खरीदने और इसके लिए बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र का एक अकाउंट नंबर देकर उसमें राशि जमा करवाने के लिए कहा गया।मनोज ने एक साथ ही इस अकाउंट में 27 लाख 30 हजार रुपए आरटीजीएस करवा दिए। तत्पश्चात उसके ट्रेडिंग अकाउंट में 2 करोड़ 97 लाख 54 हजार 884 रुपए का प्रॉफिट दिखाई दिया। प्रॉफिट विड्रोल करने के लिए उसे पहले इसका 20 प्रतिशत 51 लाख 73 हजार 170 रुपए का टैक्स जमा करवाने के लिए बोला गया।मनोज के मुताबिक तब तक वह अपनी सारी जमा पूंजी लगा चुका था। जब उसने बताया कि अब उसके पास देने के लिए 51 लाख रुपए नहीं है तो उन्होंने उसकी कोई बात नहीं सुनी। उसका यूजर आईडी ब्लॉक कर दिया। तब उसे अंदेशा हुआ कि अनीता आदि ने एक फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म तैयार कर उसे आईपीओ और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर मुनाफा देने का झांसा दिया और स्कूल 37 लाख 90 हजार रुपए ठग लिए। पुलिस ने बताया कि मनोज ने साइबर अपराधियों के जाल में फंसकर बड़ा प्रॉफिट पाने के लिए अपने रिश्तेदारों तथा जानकारों से रुपए लेकर उक्त बैंक खातों में जमा करवाए थे,जिसकी अब डिटेल हासिल की जा रही है।
बुजुर्ग से 4 लाख की साइबर ठगी
श्रीगंगानगर। साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साइबर ठगी का एक मामला जोधपुर के महामंदिर थाना क्षेत्र से सामने आया है। 76 वर्षीय सेवानिवृत्त बुजुर्ग चैनसिंह राठौड़ के साथ 4 लाख रुपये से अधिक की साइबर ठगी हुई है। ठगों ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट होने का डर दिखाया और उनके बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करवा लिए।
घटना 5 जनवरी को हुई, जब बुजुर्ग को एक अज्ञात व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया और खुद को आईपीएस अधिकारी राजेश प्रधान बताया। ठग ने बुजुर्ग को बताया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है और जांच के लिए उन्हें अपने बैंक खाते का पूरा पैसा एक दूसरे खाते में ट्रांसफर करना होगा। डर के मारे बुजुर्ग ने अपने एसबीआई, राईकाबाग ब्रांच के खाते से 4 लाख रुपये से अधिक की राशि आरटीजीएस के माध्यम से ठग के बताए खाते में ट्रांसफर कर दी।ठग ने बुजुर्ग को आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने के बाद एक घंटे में पैसे वापस कर दिए जाएंगे, लेकिन 6 जनवरी को हुई इस बातचीत के बाद 7 जनवरी तक पैसे वापस नहीं आए। इससे शक होने पर बुजुर्ग ने महामंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और ठगों का पता लगाने के साथ-साथ बुजुर्ग के ठगे गए पैसे वापस दिलाने के प्रयास में जुट गई है।यह घटना बढ़ रहे साइबर अपराधों की एक और भयावह मिसाल है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति के फोन कॉल या संदेश पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतें और ऐसे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस ने यह भी बताया कि इस तरह के मामलों में पुलिस कभी भी वीडियो कॉल के जरिए किसी को अरेस्ट करने या बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर करने के लिए नहीं कहती है। इसलिए ऐसे किसी भी कॉल या संदेश पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है।