
रुद्र किडनैपिंग स्टोरी की ऐसे हुई हैप्पी एंडिंग!
पुलिस प्लानिंग करती रही और लोगों ने किडनैपर्स को पकड़ लिया-अब अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं आरोपी
– गोलगप्पे बेचने वाले का सिमकार्ड का उपयोग कर रहे थे अपहरणकर्ता
श्रीगंगानगर। रामदेव कॉलोनी निवासी आर्किटेक्चर करण शर्मा के 8 वर्षीय पुत्र रूद्र को बरामद करने के लिए पुलिस अपहरणकर्ताओं को पकड़ने की प्लानिंग करती रही उधर,सोशल मीडिया की बदौलत कालूवाला बाईपास पर नहर पुल के नजदीक दो युवकों ने रूद्र को पहचान लिया। उसे मोटरसाइकिल पर ले जा रहे दोनों युवकों को भी पकड़ लिया। उन्होंने तीनों को पुलिस के हवाले कर दिया। इससे पहले पुलिस अपहरणकर्ताओं द्वारा मांगी गई फिरौती के 10 लाख रुपए का रुद्र के परिवार वालों से मिलकर इंतजाम करती रही। पुलिस की अनेक टीमें सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को चेक करते हुए उसी इलाके में सादा वर्दी में घूम रही थीं, जहां अपहरणकर्ता रूद्र को किन्नू के एक बाग में छुपाए हुए थे। अपहरणकर्ता पुरानी आबादी में गोलगप्पे की रेहडी लगाने वाले दिनेश नामक एक युवक का सिम कार्ड उपयोग में ले रहे थे। कल दोपहर जैसे ही अपहरणकर्ताओं ने रुद्र का 8 सेकंड का वीडियो उसके परिवार वालों को भेजा और 10 लाख की फिरौती मांगी, पुलिस ने तुरंत ही पता लगा लिया कि उनके द्वारा उपयोग किया जा रहा सिम कार्ड पुरानी आबादी निवासी दिनेश नाम से रजिस्टर्ड है।उसे तुरंत उठा लिया गया। पुलिस को पहले दिनेश पर ही शक हुआ। दिनेश ने बताया कि एक हफ्ता पहले किसी ने उसके मोबाइल फोन से सिम कार्ड चोरी कर लिया था। इस बीच पुलिस ने उस नंबर की लोकेशन को ट्रेस करना जारी रखा। अपहरणकर्ता बार-बार फिरौती के लिए र फोन कर रहे थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक करण शर्मा के घर के पास एक जिम है, जिसके बाहर जिम संचालक के नंबर लिखे हुए हैं। अपहरणकर्ताओं ने पहले इस नंबर पर फोन कर रुद्र के परिवार वालों का नंबर लिया। फिर उस पर रुद्र का वीडियो भेजा और व्हाट्सएप कॉल कर फिरौती मांगने लगे। सूत्रों के अनुसार उन्होंने फिरौती के लिए अनेक बार फोन किये। उनके द्वारा व्हाट्सएप कॉल किए जाने के कारण फोन की लोकेशन ट्रेस नहीं हो रही थी। नहीं तो पुलिस पहले ही अपहरणकर्ता तक पहुंच जाती। पुलिस ने आज बताया कि पकड़े गए दोनों अपहरणकरता हिंदूमलकोट थाना क्षेत्र के गांव खाटलबाना के निवासी हैं और नशा करने के आदी हैं। कल रात करीब 8:30 बजे पकड़े जाने पर लोगों ने उनकी युवकों की पिटाई कर दी। पुलिस का कहना है कि रुद्र के सकुशल मिलने और अपहरणकर्ताओं के पकड़े जाने का पता चलने पर पुलिस की एक टीम जब मौके पर पहुंची तभी दोनों अपहरणकर्ता फरार होने लगे। भागते हुए वे ओवरब्रिज की दीवार से गिर गए, जिससे उनके दोनों पैरों में तथा एक के हाथ में फ्रैक्चर हो गए।उनको जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने बताया कि अपहरणकर्ताओं की पहचान दीपक उर्फ दीपू (20)और निखित उर्फ लक्की (20) के रूप में हुई है। इनको हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने पर गिरफ्तार किया जाएगा। इस बीच यह भी पता चला है कि इन युवकों की अपहरण करने की कोई सुनियोजित प्लानिंग नहीं थी। नशे की पूर्ति के लिए वे शहर में घूम फिर रहे थे। इनका निशाना मोबाइल अथवा चेन स्नेचिंग पर था, लेकिन कहीं मौका नहीं लग पाया। इसी दौरान उनकी नजर रामदेव कॉलोनी की गली नंबर 9 में खेल रहे रूद्र पर पड़ गई। गली में दो-तीन चक्कर लगाकर आसपास के माहौल को दिखा। तभी इन्होंने बालक को उठाने का प्लान बनाया। वहीं पास में जिम के बाहर लिखे मोबाइल नंबर भी वीडियो भेजने और कॉल करने के लिए नोट कर लिए। बालक को कालूवाला के पास किन्नू के एक बाग में ले जाकर छुपा दिया। उसे कन्नू खिलाए। वे बालक से बातें करते और उसे बहलाते रहे। साथ ही बार-बार फिरौती के लिए कॉल भी करते रहे। इधर पुलिस ने रुद्र के परिवार वालों के साथ मिलकर अपहरणकर्ताओं को फिरौती लेते पकड़ने की योजना बनाई।एक थैले में रुपए डालने का वीडियो भी अपहरणकर्ताओं को भेजा। मगर अपहरणकर्ता कोई जगह नहीं बता पाए की फिरौती कहां पहुंचानी है। जानकारी के मुताबिक दीपक और निखित ने बालक को अगवा तो कर लिया लेकिन इसके बाद आगे की प्लानिंग नहीं कर पाए की फिरौती कहां और कैसे लेनी है।इसी उलझन में शाम हो गई। रुद्र भी घर जाने को बेचैन होने लगा। अपहरणकर्ता उसे मोटरसाइकिल पर इधर-उधर घूमाने लगे। रूद्र को मोटरसाइकिल पर सवार दो युवकों द्वारा अगवा कर लिए जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होने का भी उन्हें पता चल गया था। उन्हें पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाने का वह सताने लगा। ऐसे में वे रात लगभग 8 बजे रूद्र को उसके घर के आसपास ही छोड़कर गायब हो जाने वाले थे, लेकिन बारहमासी नहर पुल पर खड़े दो युवकों ने रूद्र को पहचान लिया और शोर मचा दिया। जिस पर लोगों ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया। पुलिस की ओर से दावा किया जा रहा है कि अपहरणकर्ता पुलिस के बढ़ते दबाव फिरौती नहीं मिलने और पकड़े जाने के भाई से घबराकर रूद्र को नहर में फेंकने जा रहे थे। मगर बाद में उनका इरादा बदल गया। वे रूद्र को घर के पास छोड़कर गायब होने वाले थे। पकड़े गए युवकों का पहले का कोई आपराधिक रिकॉर्ड अभी तक सामने नहीं आया है। रूद्र को सकुशल बरामद करने के लिए पुलिस ने अपनी तरफ से भाग दौड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।हर संभव प्रयास किये। अनेक टीमों को लगाया। आला अधिकारी खुद सिचुएशन की मॉनीटरिंग कर रहे थे। उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रूद्र को सुकुशल बरामद करने की रही। इसीलिए जहां अपहरणकर्ताओं को फिरौती की रकम लेते हुए पकड़ने की प्लानिंग की जा रही थी, वहीं उनकी लोकेशन जानने के भी पूरे प्रयास किया जा रहे थे। इन सबके बीच सोशल मीडिया की सबसे बड़ी भूमिका रही, जिसकी वजह से नहर पुल पर खड़े दो युवकों ने अपहरणकर्ताओं को मोटरसाइकिल पर रूद्र को ले जाते हुए देख लिया। इससे किडनैपिंग स्टोरी की हैप्पी एंडिंग हो गई।